28 अप्रैल 2025 को मैंने अमृतसर से अपनी यमुनोत्री यात्रा की शुरुआत की। सुबह 7:30 बजे के करीब मैं हरिद्वार पहुंचा, जहां से मुझे यमुनोत्री धाम के लिए बस ढूंढनी थी। हालांकि, मुझे जल्द ही पता चला कि यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए हरिद्वार से सीधी बसें मिलना काफी मुश्किल है, क्योंकि ज्यादातर बसें सुबह-सुबह केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के लिए चलती हैं। रास्ते में पड़ने वाले स्थानों के लिए बसें मिल जाती हैं, लेकिन वहां से आगे की यात्रा का इंतजाम खुद ही करना पड़ता है।
यह मेरी दूसरी चार धाम यात्रा थी। 2019 में मैंने केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की यात्रा की थी। इसस यात्रा में मेरे साथ मेरा छोटा भाई और मेरी माता जी भी थे, और हम यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा पर निकले थे।
जब मुझे बस नहीं मिली, तो मैंने सोचा कि क्यों न स्कूटी किराए पर लेकर यात्रा की जाए। तभी मुझे पता चला कि यमुनोत्री देहरादून से लगभग 170 किलोमीटर दूर है, और देहरादून के मालसी में मेरा एक दोस्त रहता है।
देहारादून से स्कूटी ले कर मैंने अपनी यात्रा शुरू की
मैंने अपने दोस्त से संपर्क किया और मालसी से एक स्कूटी किराए पर ली। किराए पर लेने का खर्च लगभग ₹700 प्रतिदिन था, जिसमें पेट्रोल का खर्च मेरा अपना था। दोपहर करीब 1 बजे मैंने अपनी यमुनोत्री की यात्रा शुरू की। यमुनोत्री का रास्ता मसूरी और कैंप्टी फॉल जैसे खूबसूरत स्थानों से होकर गुजरता है।
रास्ते में मैंने कई खूबसूरत नज़ारों पर रुककर तस्वीरें और वीडियो बनाए, जिसकी वजह से मुझे थोड़ा अधिक समय लग गया और रात हो गई। पहले मैंने सोचा कि कहीं रुक जाऊं, लेकिन फिर कुछ गाड़ियों को आगे जाते देख मैंने अपनी यात्रा जारी रखने का फैसला किया।
लेकिन अधिक रात होने की वजह से में 10-15 किलोमीटर पहले एक राणा चट्टी में रुक गया। अगली सुबह मैंने फिर से स्कूटी स्टार्ट की और अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ चला, जहां से यमुनोत्री धाम के लिए 6 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है।
30 अप्रैल को यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे, और मैं उसी दिन ही वहां पहुंचा। मैंने वहां एक दिन बिताया और फिर वापस राणा चट्टी लौट आया, जहां मैं रुका हुआ था।
यह यात्रा मैंने स्कूटी से पूरी की, जो मैंने देहरादून के मानसी से किराए पर ली थी। यदि आपको हरिद्वार से यमुनोत्री धाम जाने के लिए बस या टैक्सी नहीं मिलती है, तो देहरादून से स्कूटी किराए पर लेना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
अपनी इन दोनों यात्राओं को पूरा करने के बाद, मैं जल्द ही एक और विस्तृत लेख लिखूंगा, जिसे आप मेरे ब्लॉग पर पढ़ सकेंगे। यदि आपके कोई भी सवाल हों, तो बेझिझक पूछें!

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